जिले में सामान्य प्रशासन का समग्र प्रभारी उपायुक्त होते हैं। वह रोहतक मंडल आयुक्त के प्रशासनिक नियंत्रण में आते है। उपायुक्त मंडल आयुक्त के माध्यम से राज्य सरकार को जवाबदेह होते हैं। उपायुक्त को तिहरा कार्य करना पड़ता है, वही जिले के उपायुक्त, जिला मजिस्ट्रेट और कलेक्टर होते हैं।
उपायुक्त के रूप में वह जिले का कार्यकारी प्रमुख हैं जिस पर कई जिम्मेदारियां हैं। पंचायती राज में इनकी विशेष भूमिका है। पंचायत राज संस्थानों के कामकाज पर नजर रखने के अलावा वह पंचायत, पंचायत समिति, नगर पालिकाओं, बाजार कमेटी और सुधार ट्रस्टों का मार्गदर्शन करते हैं और कठिनाइयों और समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं।
जिला मजिस्ट्रेट के रूप में वह जिले में कानून और व्यवस्था के रखरखाव के लिए जिम्मेदार हैं। वह सुरक्षा उपायों को लागू करवाने लिए प्रमुख कार्यकारी मजिस्ट्रेट हैं। दो उप-मंडल अधिकारी तहसीलदार और नायब-तहसीलदार इस काम में सहायता करते हैं। जिले में पुलिस बल का नेतृत्व करने वाले पुलिस अधीक्षक, जिलाधिकारी को कानून-व्यवस्था को बनाए रखने में सहायता करते हैं।
कलेक्टर के रूप में वे जिले में राजस्व प्रशासन के मुख्य अधिकारी हैं और राजस्व की वसूली, भू-राजस्व की बकाया राशि की वसूली ओर सभी बकाया राशि के लिए जिम्मेदार हैं। उप-मंडल अधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, कन्नुगोस और पटवारी भी राजस्व के काम में उनकी सहायता करते हैं।